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SKU: 9789359039640 (ISBN-13)  |  Barcode: 9359039640 (ISBN-10)

वेद कल्पमञ्जरी (Veda Kalpamanjari)

Binding
₹ 695.00

Pages : 299

Edition : 1st

Size : 8.5" x 11"

Condition : New

Language : Sanskrit

Weight : 0.5-1.0 kg

Publication Year: 2023

Country of Origin : India

Territorial Rights : Worldwide

Reading Age : 13 years and up

HSN Code : 49011010 (Printed Books)

Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House


वेद के चार भाग हैं:

संहिता, ब्राह्मण, आरण्यक और उपनिषद

संहिता : मन्त्रों और सूक्तों का संग्रह।

संहिता चार प्रकार के है:

ऋग्वेद संहिता, यजुर्वेद संहिता, सामवेद संहिता और अथर्ववेद संहिता

ऋग्वेद-संहिता : ऋग्वेद के मन्त्रों को ऋक् या ऋचा कहते हैं। ऋचाओं का संग्रह ऋग्वेद है। ऋग्वेद का सम्बन्ध वैदिक देवताओं से है।

यजुर्वेद संहिता : यजुष् शब्द यज् धातु से निकला है।

यज् धातु का अर्थ है-यज्ञ करना। जिन मन्त्रों द्वारा यज्ञ किया जाता है, उन्हें यजुष् कहते हैं यजुष् मन्त्रों की संहिता को ही यजुर्वेद संहिता कहते हैं।

यजुर्वेद के दो प्रकार हैं: शुक्ल यजुर्वेद और कृष्ण यजुर्वेद

कृष्ण यजुर्वेद के चार शखाऐं हैं तैत्तिरीय, मैत्रायणी, काठक और कपिष्ठलकठ।

वेद कल्पमञ्जरी नामक यह पुस्तक, जो प्रकाशित हुई है, यजुर्वेद की काठक शाखा पर आधारित है।

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