
About the Author:
आपने योग की प्राथमिक शिक्षा व मार्गदर्शन पू॰ जनार्दन स्वामीजी (नागपुर) से प्राप्त की। बाद में कैवल्यधाम से योग पदविका प्राप्त की। 1975 से 2009 तक आपने कैवल्यधाम योग संस्था, लोनावला में अनुसंधान अधिकारी और निदेशक पद पर योग अनुसंधान का काम किया।
आपके ‘अॅनाटॉमी अॅण्ड फिजियोलॉजी ऑफ़ योगिक प्रॉक्टिसेस’इस पुस्तक को 1987 में राष्ट्रीय पुरुस्कार मिला। यह विषय आपने जी॰एस॰ योग कॉलेज, कैवल्यधाम में 10 साल पढ़ाया। आपने अनेक देश -विदेश के योग पत्रिकाओं में तथा मासिकों में योग अनुसंधान पर विपुल लेखन किया है। भारत तथा विदेशों में अनेक राष्ट्रीय, अतंराष्ट्रीय योग परिषदों में योग अनुसंधान पर शोध निबंध सादर किये है। अमेरिका, चेकोस्लोवाकिया, दुबई, श्रीलंका आदि देशों में योग प्रसार व अनुसंधान के संदर्भ में व्याख्यान, कार्यशाला शिविर ले चुके हैं। आपने संगणकतज्ञ मित्र के साथ मिलकर त्रिमिती ओम चित्र की निर्मिती की जो तत्काल ध्यानसदृश स्थिती निर्माण करता है।
आपको दो बार योगरत्न का पुरस्कार मिला है। अब आप“योग चिकित्सा” पर योग शिक्षकों के लिए कार्यशालाएँ लेते है।