हमारी सांस्कृतिक राष्ट्रीयता (संस्कृति ट्रायलोजी का द्वितीय पुष्प) (Hamari Sanskritik Rashtriyata : Sanskriti Trilogy ka Dvitiya Pushp)
हमारी सांस्कृतिक राष्ट्रीयता (संस्कृति ट्रायलोजी का द्वितीय पुष्प) (Hamari Sanskritik Rashtriyata : Sanskriti Trilogy ka Dvitiya Pushp) - Paperback is backordered and will ship as soon as it is back in stock.
Couldn't load pickup availability
"हमारी सांस्कृतिक राष्ट्रीयता" राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मूल्यों से आवृत ललित निबंधों की एक संचयिता है। इसमें हैं वैदिक ज्ञान पर केन्द्रित शोध-आलेख, मनीषियों के जीवन-दर्शन और यात्रा वृतांत भी। राष्ट्रीय व सांस्कृतिक मूल्यों का प्रबोधन प्रत्यके आलेख की विशिष्टता है।
वेदों में भारतीय राष्ट्रीयता की संकल्पना, विश्व को भारत का अवदान, पश्चिम में भारतीय रिनैसां, रामायण और हमारी राष्ट्रीयता, योग भविष्य का विश्व-दर्शन, वैदिक साहित्य में काव्य-सौन्दर्य, मानस की मनस्वीनी माताएं, स्वामी विवेकानंदः जीवन और दर्शन, भारतीय साहित्य में महात्मा गांधी, युगपुरूष अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय मनीषा की मनीषि सुषमा स्वराज, बद्रीकाश्रम में भागवत कथा, शंकराचार्य के वेश में इत्यादि सभी आलेख सुन्दर ! भाषा-शैली ऐसी कि पढ़ना प्रारंभ किया, तो अध्याय समाप्त किए बिना ठहरने का प्रश्न ही नहीं उठता। यदि आपने पुस्तक पढ़ लिया तो भारतीय ज्ञान-गौरव से परिपूर्ण बौद्धिकता के शिखर पर होंगे आप। आत्म-विश्वास से भरा हुआ।
-
Pages
-
Edition
-
Size
-
Condition
-
Language
-
Weight (kg)
-
Publication Year
-
Country of Origin
-
Territorial Rights
-
Reading Age
-
HSN Code
-
Publisher