Honourable Union Minister, Meenakshi Lekhi just released our new book "India's Spiritual Heroines"



Main Jagrat Trikon Bol Raha Hoon

by Shivputra Shukdev Chaitanya


  • ISBN: 9788120840720, 8120840720
  • Year of Publication: 2016
  • Binding: Paperback
  • Edition: 1st
  • No. of Pages: 413
  • Language: Hindi
  • Publisher: Motilal Banarsidass
  • Regular price ₹ 395.00

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    दक्ष प्रजापति ने अपने जमाता देवाधिदेव शिव के प्रति अनादर का भाव प्रदर्शित करने हेतु एक यज्ञ में अन्य देवताओं को आमंत्रित किया, किन्तु शिव को नहीं। शिव केमना करने पर भी उनकी अर्द्धांगिनी माता सती उस यज्ञ में गईं। परंतु शिव का स्थान न देख उन्होंने इतना अपमानित अनुभव किया कि स्वयं की ही आहुति दे डाली।उस समय वो गर्भवती थीं। उनका शरीर खंडित होकर पृथ्वी पर गिरा — स्वाधिष्ठान कामाख्या में और गर्भ में पल रहा भ्रूण काशी में। शिव के आदेश की अवहेलना करने पर आदि शक्ति माता सती को भी चार युगों तक सेकण्ड खंड (कृपया अंत का भीतरी आवरण देखें) के बंधन में रहना पड़ा। शिव नेकहा था कि उनका पुत्र ही अघोर बनकर माँ को मुक्त करा सकेगा और कलियुग के इस वर्तमान कालखंड में आखिर, काशी क्षेत्र में शिवपुत्र का जन्म हुआ, जिन्होंने बाबा के मार्गदर्शन में अपनी साधना द्वारा माँ को मुक्त कराया। प्रकृति में हो रहे परिवर्तनों में क्या माँ की पगध्वनि नहीं सुनाई देती ? परमपिता शिव, आदि शक्ति माँ सती और उनके पुत्र शिवपुत्र से बना त्रिकोण, जो युगों से सुप्त पड़ा था, अब जाग्रत हो उठा है। इसी जाग्रत त्रिकोण में सन्निहित हैंसमस्त वो शक्तियाँ जो अनिवार्य हैं जगत और प्रकृति के संचालन और नियंत्रण के लिए। और, इस कार्य का उत्तरदायित्व शिवपुत्र पर सौंपकर बाबा और माँ ने इतिहास में पहली बार किसी मानव शरीरधारी को 'अघोर' में रूपांतरित कर दिया।