Bharatiya Jansankhyashastra: Indian Demography
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पेशेवर जनसंख्याशास्त्री द्वारा रचित इस पुस्तक में इस बात की भरपूर कोशिश की गई है कि पाठकों को भारतीय जनसंख्याशास्त्र का अद्यतन ज्ञान प्राप्त हो। पुस्तक में अधिक-से-अधिक नवीनतम आँकड़ों, रेखाचित्रो तथा सारणियों को सम्मिलित कर विजय-सामग्री को अधिक सरल व वैज्ञानिक तरीके से रखा गया है। विभिन्न सर्वेक्षणों से प्राप्त आँकड़ों का इस पुस्तक में भरपूर उपयोग किया गया है। चूँकि जनसंख्याशास्त्र एक तकनीकी विजय है, इसलिए जनसंख्याशास्त्र की प्रमुख "शब्दावली को इस पुस्तक के अन्त में काफी विसतृत ढंग से स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है।
इस पुस्तक में प्रारम्भ से अन्त तक इस बात का ध्यान रखा गया है कि तकनीकी शब्दों का हिन्दी में मानक अनुवाद हो जिसके लिए लेखक ने अपनी पुस्तक समाजविज्ञान विश्वकोश को आधार माना है। साथ ही यह भी कोशिश की गई है कि विदेशी विद्वानों के नामों का उच्चारण भारतीय ढंग से न लिया जाए। इस बात की भी पूरी कोशिश की गई है कि जनसंख्याशास्त्र जैसा जटिल विजय पाठकों के लिए सहज, सरल, बोधगम्य और रूचिकर प्रतीत हो।
प्रमुख विजय-वस्तु: (1) जनसंख्याशास्त्र का स्वरूप, अध्ययन क्षेत्र, दूसरे विजयों से सम्बन्ध एवं महत्त्व, (2) जनांकिकीय घटनाएँ, स्रोत एवं आँकड़ा-एकत्रीकरण तथा विश्लेषण की विधियाँ, (3) भारत में जनसंख्या-सम्बन्धी आँकड़े, (4) जनसंख्या-वृद्धि के सिद्धान्त, (5) विश्व जनसंख्या, (6) भारतीय जनसंख्या: वृद्धि की प्रवृति, वितरण एवं जनाधिक्य की समस्या, (7) भारतीय जनसंख्या की संरचना एवं संघटन, (8) वैवाहिक स्थिति, (9) प्रजननता, (10) मर्त्यता, रोगग्रस्तता एवं लोक स्वास्थ्य, (11) आन्तरिक प्रवसन, (12) नगरीकरण एवं नगरीय विकास, (13) जनसंख्या एवं आर्थिक विकास की समस्या, (14) जनसंख्या-नियन्त्रणदृ योजनाएँ एवं नीतियाँ, (15) जनसंख्या, पर्यावरण तथा समाज, (16) जनसंख्याशास्त्र की शब्दावली।
About the Author:
डॉ. जे. पी. सिंह, एम. ए. (पटना वि.)_ एम. फिल. (जे.एन.यू.)_ पी-एच.डी. (जनसंख्याशास्त्र), (ऑस्ट्रेलियन नेशनल युनिवर्सिटी, कैनबेरा), पूर्व प्रोफेसर, स्नातकोत्तर सामाजशास्त्र विभाग एवं अतिरिक्त निदेशक, जनसंख्या शोध संस्थान, पटना विश्वविद्यालय, पटना। निदेशक (उच्च शिक्षा), बिहार सरकार तथा प्रोवाइसचांसलर, पटना विश्वविद्यालय के रूप में योगदान का अनुभव। लेखक को लगभग 100 अनुसन्धान पत्र तथा 35 पुस्तकों की रचना का एक नया कीर्तिमान प्राप्त है। मानवशास्त्र "शब्दकोश, आधुनिक भारत का समाज, समाजशास्त्र: एक परिचय, सामाजिक अनुसन्धान की विधियाँ, Contemporary Sociological Theories, A Comprehensive Dictionary of Sociology (Vol.I & II) तथा Handbook of Indian Demography इनकी प्रमुख कृतियों में से हैं।
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