MOTILAL BANARSIDASS PUBLISHING HOUSE (MLBD) SINCE 1903

SKU: 9788120840751 (ISBN-13)  |  Barcode: 8120840755 (ISBN-10)

Bharatiya Darshan ke Mool Sampratyay : Concepts of Indian Philosophy

₹ 175.00

Binding : Paperback

Pages : 200

Edition : 2nd Reprint

Size : 5.5" x 8.5"

Condition : New

Language : Hindi

Weight : 0.0-0.5 kg

Publication Year: 2018

Country of Origin : India

Territorial Rights : Worldwide

Book Categories : Philosophy

Reading Age : 13 years and up

HSN Code : 49011010 (Printed Books)

Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House


प्रस्तुत पुस्तक में कार्यानन्द शर्मा ने अपने गहन अध्ययन तथा भारतीय दर्शन के प्रति अपनी अभिरुचि को लिपिबद्ध किया है। तेरह निबन्धों का यह संकलन सामान्यतः भारतीय दर्शन की मौलिक अवधारणाओं का एक साथ विवेचन प्रस्तुत कर रहा है। पुस्तक में सामान्यतः तात्त्विक (मेटाफिजिकल) विवेचन शैली में ही सारे अध्यायों में विषयों की विवेचना की गई है, किन्तु विवेच्य विषयों के अन्त में उनका ऐतिहासिक विवेचन भी प्रस्तुत किया गया है। उदाहरणार्थ, इस पुस्तक के प्रथम अध्याय में "भारतीय दर्शन में ईश्वर-विचार" का विवेचन किया गया है जिसमें तात्त्विक (मेटाफिजिकल) विवेचन शैली को अपनाते हुए निम्नलिखित उपखंडों में विषय को प्रस्तुत किया गया है (क) दर्शन और धर्म में ईश्वर-विचार, (ख) भारतीय दर्शन अद्वैतवादी या अनेकेश्वरवादी, (ग) ईश्वर की विश्वव्यापकता, (घ) ईश्वर विश्वातीत है, (ङ) आत्मा के रूप में ईश्वर।

पुस्तक की भाषा अतिशय बोधगम्य है, किन्तु शैली जीवन्त है। स्नातक दर्शन प्रतिष्ठा के पाठ्यक्रम में 'आत्मा' तथा "पुनर्जन्म" अध्याय को अलग-अलग अंकित किया गया है। किन्तु प्रस्तुत पुस्तक में "भारतीय दर्शन में आत्म-विचार और पुनर्जन्म के सिद्धान्त" शीर्षक से एक ही साथ विचार किया गया है। पूर्वार्ध में "आत्मा" के सम्बन्ध में तथा उत्तरार्ध में "पुनर्जन्म के सिद्धान्त" के विषय में विवेचन किया गया है। तेरह अध्यायों में सभी मूल सम्प्रत्ययों के सम्बन्ध में अलग-अलग विवेचना की गयी है जिनके अन्तर्गत सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का प्रायः समावेश हो गया है।

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