Bharatiya Darshan: Aalochan Aur Anusheelan
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Binding : Paperback
Pages : 284
Edition : 6th Reprint
Size : 5.5" x 8.5"
Condition : New
Language : Hindi
Weight : 0.0-0.5 kg
Publication Year: 2022
Country of Origin : India
Territorial Rights : Worldwide
Reading Age : 13 years and up
HSN Code : 49011010 (Printed Books)
Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ के मूरà¥à¤§à¤¨à¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ और यशसà¥à¤µà¥€ लेखक पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° डॉ॰ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤§à¤° शरà¥à¤®à¤¾ के अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में ‘ठकà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤•à¤² सरà¥à¤µà¥‡ ऑफ इनà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ फिलोसोफी’ नामक पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ के - जिसके अब तक देश में कई संसà¥à¤•à¤°à¤£ और विदेशों में बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ तथा अमरीकी संसà¥à¤•à¤°à¤£ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं - हिनà¥à¤¦à¥€ रूपानà¥à¤¤à¤° की हिनà¥à¤¦à¥€-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और पाठकों को वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ थी। यह हरà¥à¤· का विषय है कि सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤§à¤° शरà¥à¤®à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कृत उनके इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ का हिनà¥à¤¦à¥€ में संशोधित तथा परिषà¥à¤•à¥ƒà¤¤ रूपानà¥à¤¤à¤° ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨à¤ƒ आलोचन और अनà¥à¤¶à¥€à¤²à¤¨â€™à¤¶à¥€à¤°à¥à¤·à¤• से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो रहा है। इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° शरà¥à¤®à¤¾ ने अपने उकà¥à¤¤ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ के कई अंशों को हिनà¥à¤¦à¥€ में नवीन परिशोधित रूप में लिखा तथा आवशà¥à¤¯à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨ किà¤. हैं जिससे इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ की महतà¥à¤¤à¤¾ और उपादेयता और बॠगई है। इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ के विविध समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ का, मूल गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के आधार पर, निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·, पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤•, तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• और आलोचनातà¥à¤®à¤• विवेचन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है। दरà¥à¤¶à¤¨ के गूà¥, जटिल और दà¥à¤°à¥‚ह विषयों को सरल तथा सà¥à¤¸à¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ किया गया है जिसमें पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° शरà¥à¤®à¤¾ सिदà¥à¤§à¤¸à¥à¤¤ हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ के हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं और पà¥à¤°à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§ पाठकों के लिठयह गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ उपयोगी और उपादेय है।Â