MOTILAL BANARSIDASS PUBLISHING HOUSE (MLBD) SINCE 1903



माता सीता की अनकही कथा: आज के वर्तमान संदर्भ में सारगर्भित (The Untold Story of Sita: An Empowering Tale for Our Time)

by Dena Merriam


  • ISBN Hardcover: 9789359665337, 9359665339
  • ISBN Paperback: 9789359661049, 935966104X
  • Year of Publication: 2024
  • Edition: 1st
  • Pages: 400
  • Language: Hindi
  • Publisher: Motilal Banarsidass Publishing House
  • Sale price ₹ 500.00 Regular price ₹ 500.00

    Tax included. Shipping calculated at checkout.

    Book Description:

    माता सीता की अनकही कथा उस परम्परागत कथा का स्थान लेती है जिसे रामायण में कहा गया है। इस पुस्तक में सीता को वैसे ही दर्शाया गया है जैसी कि वह वास्तविक रूप में हैं। वह देवी नारायणी का अवतार हैं। वह पृथ्वी पर श्री राम के साथ एक नयी सभ्यता की नींव रखने के लिये आती हैं। यह वह समय है जब मनुष्य प्रकृत्ति से विमुख हो रहे हैं। वह जन-मानस में वनों, नदियों, पादप और पशु जीवन के लिये प्रेम का संचार करती हैं। साथ ही पुस्तक सीता के यात्रा काल में महान स्त्री, महर्षियों की आध्यात्मिक उपलब्धियों के विषय में बताती है। यह नारी की बुद्धि, साहस और शक्ति की कथा है, साथ ही यह उस के दृश्य और अदृश्य संसार के लिये प्रेम तथा निःस्वार्थ भाव से सभी के भले के लिये किये गये त्याग की भी कथा है। अतः आप सीता के समय में प्रवेश कीजिये और जानिये कि आध्यात्मिक रूप से अधिक विकसित समय में जीवन किस प्रकार का था। उस समय लोग धर्म के प्रति सजग थे। यह सजगता केवल एक कर्त्तव्य के रूप में नहीं, अपितु संसार के हितों की सुरक्षा के लिये संसार के प्रति एक उच्चतम श्रेणी के प्रेम के साथ समन्व्य के रूप में थी।

    About the Author:

    डेना मरियम 1990 के दशक के अन्त में इंटरफेद मूवमेंट के साथ जुड़ीं। उन्होंने 2000 में न्यूयार्क में, यूनाईटिड नेशन्स में मिलेनियम वर्ल्ड पीस समिट ऑफ रिलिजियस ऐंड स्पिरिचुअल लीडर्स का वाइस चेयर के रूप में नेतृत्व किया। बाद में उन्होंने, धार्मिक और आध्यात्मिक महिला नेताओं की एक सभा बुलाई। इस सभा को पेलेइ द नेशन्स, जेनेवा में आयोजित किया गया और परिणाम स्वरूप 2002 में ग्लोबल पीस इनिशिएटिव ऑफ वुमेन का उदय हुआ। इस संस्था में बहुधार्मिक आस्थाओं की आध्यात्मिक महिला नेता सम्मिलित थीं। 2008 में डेना मरियम कंटम्प्लेटिव अलायेंस (बाद में GPIW का ही एक कार्यक्रम) की नींव रखने वाले सदस्यों में से एक थी। इस एलायेंस का उद्देश्य ध्यान गुरूओं को एक ही मंच पर लाना था जिससे कि समाज का उद्धार और धरती माता की सेवा की जा सके। 40 वर्ष से भी अधिक समय से डेना मरियम परमहंस योगानंद की शिष्या हैं और क्रिया योग ध्यान के अभ्यास में संलग्न हैं।

    वह वैदिक परम्परा के ग्रंथों का भी अध्ययन करती रही हैं। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की और साथ ही कई बोर्ड्स पर सक्रिय रही हैं। वर्तमान समय में वह चेयर ऑफ द इंटरनेशनल एडवाइसरी काउंसिल ऑफ द ऑरोविले फाउंडेशन, भारत की अध्यक्ष हैं।

    2014 में बहुधार्मिक आस्थाओं में परस्पर शान्ति स्थापना के प्रयासों के लिये उन्हें निवानों पीस प्राइज़ से सम्मानित किया गया। उन्हें महाचुलालोंगकोर्नवज्राविद्यादरा विश्वविद्यालय, थाईलैंड द्वारा ऑनरेरी डॉक्टरेट पीस स्टडीज से सम्मानित किया गया है। उन के द्वारा लिखी गई पुस्तकों में माई जर्नी थु टाइम, द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ सीता, वेन द ब्राइट मून राइसिस, रूकमिणी एंड द टर्निंग ऑफ टाइम और टू डांस विद डाकिनीस सम्मिलित हैं।