Honourable Union Minister, Meenakshi Lekhi just released our new book "India's Spiritual Heroines"



Manovigyan Ka Udbhav Evam Vikas

by Madhu Asthana, Aabha Singh, Surbhi Singh, Ritu Modi


  • ISBN Hardcover: 9789356764231, 9356764239
  • ISBN Paperback: 9789356764248, 9356764247
  • Year of Publication: 2023
  • Edition: 1st
  • No. of Pages: 547
  • Language: Hindi
  • Publisher: Motilal Banarsidass Publishing House
  • Sale price ₹ 795.00 Regular price ₹ 795.00

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    About the Book:

    पुस्तक 'मनोविज्ञान का उद्भव एवं विकास' मनोविज्ञान के उद्भव से लेकर पूर्ण विकास यात्रा का विवरण प्रस्तुत करती है। अपनी विकास यात्रा में मनोविज्ञान को जिन-जिन मार्गों व पड़ावों से गुजरना पड़ा, यह पुस्तक उन्हें क्रमबद्ध रूप में प्रस्तुत करती है। पुस्तक का प्रथम खंड मनोविज्ञान के पाश्चात्य सम्प्रदायों को समाकलित करता है। पाश्चात्य मनोविज्ञान के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में यूनानी विरासत से लेकर संरचनावाद, प्रकार्यवाद, व्यवहारवाद, गेस्टाल्टवाद, मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद के साथ-साथ आधुनिक विचारधाराओं जैसे परावैयक्तिक मनोविज्ञान, संज्ञानात्मक क्रांति एवं बहुसंस्कृतिवाद इसमें सम्मिलित हैं। द्वितीय खंड मनोविज्ञान के भारतीय परिप्रेक्ष्य से सम्बन्धित है। भारतीय मनोविज्ञान एवं उसके विकास के सम्बन्ध में हिन्दी भाषा में पुस्तकों के अभाव को दृष्टिगत रखते हुए इस पुस्तक का पूरा एक खंड मनोविज्ञान की भारतीय दृष्टि को समर्पित है। मनोविज्ञान में भारतीय दर्शन के स्तम्भों (भगवद्गीता, वेदान्त, बौद्ध धर्म, सूफीवाद एवं समाकलित योग आदि) के योगदान को इस खंड में समाहित किया गया है। साथ ही भारत में अकादमिक मनोविज्ञान किस प्रकार विकसित हुआ, इसका भी विवरण इस खंड में उपलब्ध है। मनोविज्ञान के अध्ययन के विभिन्न प्रतिमानों का विशद विवरण भी दिया। गया है। पुस्तक ऐतिहासिक रूप से मनोविज्ञान की प्राच्य एवं पाश्चात्य दोनों विचारधाराओं को सन्तुलित रूप में प्रस्तुत करती है। सभी सम्प्रदायों के प्रवर्तकों एवं प्रमुख विचारकों के छायाचित्र यथासम्भव देने का प्रयत्न किया गया है। पुस्तक में दिए गए कुछ प्रारम्भिक भारतीय मनोवैज्ञानिकों के छायाचित्र निश्चय ही छात्र-छात्राओं को अपने अग्रज मनोवैज्ञानिकों से जुड़ाव महसूस कराने में सहायक होंगे। इस सम्पादित पुस्तक में देश के अनेक विद्वान मनोवैज्ञानिकों व शिक्षकों का योगदान सम्मिलित है। इस पुस्तक की विषय वस्तु का संयोजन नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप विभिन्न विश्वविद्यालयों में संचालित हो रहे पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए किया गया। है। यह पुस्तक राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यू.जी.सी. नेट) सहित सिविल सर्विसेज आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु भी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है

    About the Authors:

    डॉ. मधु अस्थाना, सेवा निवृत्त, प्राचार्या एवं अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, श्री अग्रसेन कन्या स्वायत्तशासी पी.जी. कॉलेज, वाराणसी, उ.प्र. प्रो. आभा सिंह, अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, पी.पी.एन. (पी.जी.) कॉलेज, कानपुर, उ. प्र. प्रो. सुरभि मिश्रा, प्राचार्या, एस. एन. जी. पी. जी. कॉलेज, उन्नाव, उ.प्र. डॉ. रितु मोदी, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उ.प्र. डॉ. शशिधर गुप्ता, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, एस. एन. एस. कॉलेज, जहानाबाद, बिहार लक्ष्मी दुबे, शोधार्थी, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, उ.प्र.