About the Book:
सामुदायिक मनोविज्ञान पर हिन्दी में यह प्रथम पुस्तक है जिसमें सामुदायिक मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण पहलुओं को समाहित किया गया है। यह पुस्तक प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के लिए नव निर्मित पाठयक्रम को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
About the Author:
प्रो. रामजी लाल, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के व्यवहारिक मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर व अध्यक्ष पद से सेवा निवृत्त हुए हैं। सम्प्रति कम्यूनिटी साइकोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के महासचिव हैं। सामुदायिक मनोविज्ञान पर देश के विभिन्न प्रदेशों में कान्फ्रेस व सेमिनार का आयोजन किया है। विषय पर अनेकों वर्चुअल लैक्चर आयोजित कर “सामुदायिक मनोविज्ञान: भारतीय परिप्रेक्ष्य" नामक पुस्तक का सम्पादन किया है। विगत 35 वर्षो से कम्यूनिटी साइकोलॉजी एसोसिएशन आफ इण्डिया की स्थापना कर देश के विश्वविद्यालयों में सामुदायिक मनोविज्ञान का पठन-पाठन कर मनोविज्ञान की एक शाखा के रूप में स्थापित किया गया है।