रामायण कथा की विश्व-यात्रा (संस्कृति ट्रायलोजी का प्रथम पुष्प)
रामायण कथा की विश्व-यात्रा (संस्कृति ट्रायलोजी का प्रथम पुष्प) - Paperback is backordered and will ship as soon as it is back in stock.
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Pages : 202
Edition : 1st
Size : 5.5" x 8.5"
Condition : New
Language : Hindi
Weight : 0.0-0.5 kg
Publication Year: 2025
Country of Origin : India
Territorial Rights : Worldwide
Reading Age : 13 years and up
HSN Code : 49011010 (Printed Books)
Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House
विश्व भर में जहाँ जहाँ गई रामायण कथा, भारतीय संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान, वर्शन, साहित्य, योग, आयुर्वेद, जीवन-चर्या को साथ साथ लेकर गई रामायण कथा ! वक्षिण एशिया के देशों यथा इंडोनेशिया के जावा, सुमात्रा, मलाया, बाली इत्यादि द्वीपों, कम्बोडिया, थाईलैंड, मलेशिया, लावोस, जापान, रूस, चीन, तिब्बत, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और फिर मारीशस, दक्षिण अफ्रीका, और मिस्र के पिरामिडों में भारत की खोज के पश्चात कैरिबियाई देशों यथा फ़िजी, गुयाना, सुरीनाम, ट्रिनिडाड और टोबैगो में रामायण कथा के प्रभाव का जीवंत चित्रण ! भाषा-शैली ऐसी कि पढ़ना प्रारंभ किया, तो अध्याय समाप्त किए बिना ठहरने का प्रश्न ही नहीं उठता। यदि आपने पुस्तक पढ़ लिया तो भारतीय ज्ञान-गौरव से परिपूर्ण बौद्धिकता के शिखर पर होंगे आप ! आत्मविश्वास से भरा हुआ !
लेखक के बारे में:
डॉ. विनोद कुमार तिवारी प्राच्यविद्या के आचार्य एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद हैं। एक अध्यापक, एक मोटिवेटर, एक प्रोफेशनल एडवाइजर, एक प्रखर राष्ट्रद्वावी और एक उत्कृष्ट वक्ता, आपके व्यक्तित्व के कई आयाम हैं। आप इंडियन नालेज सिस्टम, भारतीय ज्ञान परंपरा के सुधी वक्ता हैं।
डॉ. तिवारी ने अंग्रेजी साहित्य में डाक्ट्रेट किया तथा राष्ट्रपति के कर कमलों से सम्मानित हुए। आपकी विश्व-प्रसिद्ध पुस्तक "The Essence of Gandhian Philosopy: Its Impact On Our Literature" की प्रस्तावना जम्मू कश्मीर के पूर्व महाराजा डॉ. कर्ण सिंह जी ने लिखा है। विचारों की गहराई और सन्दर्भों की व्यापकता आपके शोध आलेखों की विशेषता है, जिन्हें राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल्स में पढ़ा जा सकता है। आप आकाशवाणी के राष्ट्रीय व विवेशी प्रसारण सेवा में नियमित वक्ता हैं।
डॉ. तिवारी विगत तीन दशकों से नेतरहाट विद्यालय सहित शिक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्यापक रहे हैं, लेकिन आपकी विद्वता कक्षाओं की चारदीवारी तक कभी सीमित नहीं रही। आप वेभ्स; वर्ल्ड असोसिएशन औफ वैविक स्टडीज, साहित्य अकादमी सहित कई एकेडमिक संस्थानों से जुड़े हैं जिनके राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय काफ्रेंस में वक्ता के रुप में आपकी सक्रिय सहभागिता देखी जा सकती है। भारतीय ग्रंथों और पाश्चात्य साहित्य से आपके उद्धरण श्रोताओं को मुग्धता प्रदान करते हैं। सरकारी और कार्पोरेट कार्यालयों में अपने अधिकारियों में कार्य-कुशलता अभिवृद्धि के निमित्त मोटिवेशन व्याख्यान के लिए आपको आमंत्रित किया जाता है। डॉ. तिवारी का लेखन और व्याख्यान युवा पीढ़ी को प्रेरणा प्रदान करते हैं। सम्पर्क: dr.binodkrtiwari@gmail.com