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श्वान ज्योतिष (Dog Astrology)

by Aniket Gupta


  • ISBN Hardcover: 9789359667263, 9359667269
  • ISBN Paperback: 9789359660967, 9359660965
  • Year of Publication: 2024
  • Edition: 1st
  • Pages: 158
  • Language: Hindi
  • Publisher: Motilal Banarsidass Publishing House
  • Sale price ₹ 200.00 Regular price ₹ 200.00

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    पुस्तक के बारे में:

    आजकल समाचार पत्रों से लेकर इलेक्ट्रिोनिक और सोशल मीडिया तक सम्पूर्ण विश्व में डॉग लवर्स और हेटर्स के मध्य एक युद्ध सा दिखता है। भारतीय ज्योतिष कुत्तों के संबंध में शांत सा है। लेकिन हमारे ज्योतिष ने कुछ सुराग जरूर छोड़ रखे थे जिन्हें पिरोना अत्यंत आवश्यक प्रतीत हुआ और तब पाश्चात्य मनोविज्ञान, रामायण, महाभारत और लाल किताब का अध्ययन करने के बाद एक विस्तृत शोध सामने आया।

    कुत्ता प्रेमी या कुत्ता विद्वेशी लोगों की वैदिक कुंडली में ग्रहों के समन्वय में झांकते हुए ऐसे संबंध उजागर हुए जो कुत्ता पालने से मजबूत होते कुछ ग्रहों के कुत्ता पालक के ऊपर तथा उसके जीवन के महत्वपूर्ण पहलूओं पर सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभावों तक विस्तृत होता चला गया। इस शोध में आपको वो मिलेगा जिसको आप महसूस तो करते थे लेकिन व्याख्या करने में असमर्थ थे, क्योंकि यह आपको बताता है कि आपको कुत्ता पालना चाहिए या नहीं वो भी आपकी कुंडली के अनुसार।

    लेखक के बारे में:

    लेखक ने 1990 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कुछ साल नौकरी की, लेकिन पिता जी के कारण कुछ साल बाद अपने पारिवारिक पेशे पुस्तक विक्रय में आना पडा। शीघ्र ही अपना खुद का प्रकाशन शुरू किया, जिसमें जूनियर, हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट और डिग्री लेवल तक की लगभग 250 पुस्तकों का लेखन स्वयं किया। इस कारण विभिन्न विषयों में लगातार अध्ययन करने का जुनून धीरे धीरे दीवानगी की हद तक पहुँच गया। कहते हैं प्रारब्ध अपना कार्य जरूर करेगा। लेखक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति तथा शनि की महादशा उसे धीरे-धीरे ज्योतिष विज्ञान की ओर खींचने लगी। 2010 से ज्योतिष अध्ययन की यात्रा शुरू हुई, और आज तक अनवरत जारी है।

    ज्योतिष की सैंकड़ों पुस्तकों का अध्ययन करते समय पाश्चात्य ज्योतिष की ओर जिज्ञासा बढ़ी क्योंकि ये पुस्तकें बाज़ार में हिंदी भाषा में उपलब्ध नहीं हैं। आम तौर पर हमारे देश के ज्योतिषी पाश्चात्य ज्योतिष को केवल 'सन साइन और मून साइन' पर आधारित मानते हैं और उसको गंभीरता से नहीं लेते हैं। बहुत अधिक गहराई से साठ से अधिक पाश्चात्य पुस्तकें पढ़कर ज्ञात हुआ कि पाश्चात्य ज्योतिष ने भी वैदिक ज्योतिष को अपना कर तथा उसका प्रयोग कर बहुत कुछ शोध किया है।

    यह पुस्तक कार्मिक ज्योतिष पाश्चात्य तथा वैदिक ज्योतिष पर आधारित पुस्तक है जिसमें आप अपनी कुंडली में विभिन्न भावों में, विभिन्न राशियों में स्थित ग्रहों के अध्ययन से ज्ञात कर सकते हैं आप पूर्व जन्म में क्या करते थे? आप क्या थे? और आपको अपने पूर्व जन्म के ऋणों को इस जन्म में कैसे उतार कर परम लक्ष्य (मोक्ष) की ओर कदम बढ़ाना है।